Hindi Shayari Motivational - हिंदी शायरी दो लाइन

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मुझको रुला कर वह भी रोया होगा यारो |
मुँह अश्को से उसने भी धोया होगा यारो ||
अगर ना किया है कुछ हासिल हमने प्यार में |
कुछ न कुछ उसने भी खोया तो होगा यारो ||




बेदाग और बेगुनाह मेरी सरकार है |
हमसे उनकी बेवफाई से वक्त की मार है ||
वो भले ही कितने सितम करे हम पर  |
फिर भी मेरे लिए वो बाहर है ||

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किसको फरेबी हम कहे किसको कहे हम बेवफा |
किस्मत ही शायद ऐसी लिखा कर लाए है हम ||
आज वाकिफ है यारों हम से शहर का हर एक आदमी |
मगर अपनो के लिए ही देखे पराये है ||

दास्तान सुन लो जरा गम ऐ जिंदगी |
बेवफा समझ बैठे तुम्हे दिल्लगी ||
गैरो की बाहों में मचलती हो तुम |
बेहद महसूस होती है हमे शर्मदगी ||




उनकी यादों को अभी भी सीने में छुपाये बैठा हूँ |
हाय मै किस जालिम से दिल लगाए  बैठा हूँ ||
इन्ही राहों में आएंगे भले ही बाद मेरे मरने के |
कितना नादान हूँ अभी भी दिल को समजाए बैठा हूँ ||

हम उम्मीदों की दुनिया बरसाते रहे |
वो भी पल पल हमे आजमाते रहे ||
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया |
हम मर गए और वह मुस्काहते रहे ||

उनकी नजरो का तीर तो बस |
हमारी जान लेने का बहाना था ||
दिल हमारा बिखर गया |
वो बोली वाह क्या निशाना था ||

टूटे हुए दिल ने भी उसके लिए दुआ मांगी |
मेरी सासों ने हर पल उसकी खुशी मांगी ||
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से |
की मैने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफा मांगी ||

जब कुछ सपने |
अधूरे रह जाते है ||

तब दिल के दर्द आँसू  |
बनकर बह जाते है ||

जो कहते है की |
हम सिर्फ आपके है ||

पता नही वो कैसे |
अलविदा कह जाते है ||

मेरे दर्द ए दिल पर तेरी |
मेहबनिया बहुत है ||

दिल की गलियों में |
तेरी निशानियां बहुत है ||

रोने की सजा न |
रुलाने की सजा है ||

ये दर्द मोहब्बत को |
निभाने की सजा है ||

हँसते है तो आँखों से |
निकल आते है आँसू ||

ये उस शख्स से दिल |
उसने दर्द इतना दिया ||

की सहा ना गया |
उसकी आदत सी थी ||

इसलिए रहा ना गया |
आज भी रोता हूँ ||

उसे दूर देख कर 
लेकिन दर्द देने वालो से
यह कहा गया नही ||

कौन निकलता है कोई |
दिल मे बस जाने के बाद ||

दर्द कितना होता है |
बिछड़ जाने के बाद ||

जो पास होता है |
उसकी कदर नही होती ||

कभी महसूस होती है |
दूर जाने के बाद ||

किसी को झूठा प्यार करके उसके |
अरमानो के साथ मत खेलो ||

कभी कभी टूटे हुए दिल की |
बदुआए जिंदगी को ले डूबती है ||

कौन निकलता है कोई ।
दिल मे बस जाने के बाद ।।

दर्द कितना होता है ।
बिछड़ जाने के बाद ।।

जो पास होता है ।
उसकी कदर नही होती ।।

कभी महसूस होती है ।
दूर जाने के बाद ।।

किसी को झूठा प्यार करके उसके ।
अरमानो के साथ मत खेलो ।।

कभी कभी टूटे हुए दिल की ।
बदुआए जिंदगी को ले डूबती है ।।

तरस गए थोड़ी सी वफा के लिए ।
किसी से प्यार नही करेगे खुदा के लिए ।।
जब भी लगती है इश्क की अदालत ।
हम ही क्यों तन्हा रह जाते है ।।

कोई छुपाता है कोई बताता है ।
कोई रुलाता है तो कोई हँसता है ।।
प्यार तो हर किसी को ।
किसी को किसी से हो जाता है ।।
फर्क तो इतना है की कोई ।
आजमाता है और कोई निभाता है ।।

हम भी कभी मुस्काया करते है ।
उजालो में भी शोर मचाया करते थे ।।
उसी दिये ने जला दिए मेरे हाथों को ।
जिनको हम तूफानों से बचाया करते है ।।

इस शहर के लोगो में वफा ढूढ रहे हो ।
तुम जहर की शीशी में दवा ढूढ रहे है ।।

कोई खुशियों की चाह में रोया ।
कोई दुखों की पनाह में रोया ।।
अजीब सिलसिला है जिंदगी का ।
कोई भरोसा के लिए रोया ।
कोई भरोसा करके रोया ।।

इस शहर के लोगो में वफा ढूढ रहे हो ।
तुम जहर की शीशी में दवा ढूढ रहे है ।।
कोई खुशियों की चाह में रोया ।
कोई दुखों की पनाह में रोया ।।
अजीब सिलसिला है जिंदगी का ।
कोई भरोसा के लिए रोया ।।
कोई भरोसा करके रोया ।

सदियों से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओ ।
माना की तुमको प्यार नही नफरत ही जताने आ जाओ ।।
जिस मोड़ पर हम को छोड़ गए हम बैठे अब तक सोच रहे ।
क्या भूल हुई क्यो जुदा हुए बस यह समझाने आ जाओ ।।

किसी ने पूछा कौन याद आता है ।
अक्सर तन्हाई में ।।
हमने कहा कुछ पुराने रास्ते खुलती जुल्फे ।
ओर बस दो आँखे ।।

अगर तुम्हे पाना ही मोहब्बत है ।
तो मुझे तुमसे मोहब्बत नही है ।।
लेकिन अगर तुम्हे खुश देखना मोहब्बत है ।
तो मुझे तुमसे बेपनाह मोहब्बत है ।।

सांस लेने से तेरी याद आती है ।
ना लेने से नही जान जाती है ।।
कैसे कह दूँ सिर्फ सास से में जिंदा हूँ  ।
कमबख्त सांस भी तेरी याद के बाद आती है ।।

सांस लेने से तेरी याद आती है ।
ना लेने से नही जान जाती है ।।
कैसे कह दूँ सिर्फ सास से में जिंदा हूँ ।
कमबख्त सांस भी तेरी याद के बाद आती है ।।




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